RRB NTPC ANCIENT HISTORY GK PREVIOUS QUESTION P2

ANCIENT HISTORY

 (प्राचीन इतिहास)

RRB NTPC परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए पिछले वर्षों के प्रश्न (Previous Year Questions) बेहद मददगार होते हैं। इन प्रश्नों से आप परीक्षा पैटर्न, कठिनाई स्तर और महत्वपूर्ण विषयों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ हमने स्टेज 1 और स्टेज 2 के महत्वपूर्ण प्रश्नों को एकत्र किया है, जिससे आपकी तैयारी और प्रभावी हो सके।

31. धनुर्वेद, यजुर्वेद का उपवेद है। इसका संबंध निम्न में से किससे है ?

(a) चिकित्सा से

(b) वास्तुकला से

(c) कला एवं संगीत से

(d) युद्ध कौशल से

Ans. (d) युद्ध कौशल से

[RRB NTPC, 18 Jan 2021 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- धनुर्वेद में प्राचीन काल की युद्धविद्या का विस्तृत ज्ञान मिलता है। इसमें धनुष-बाण तथा अन्य शस्त्रों के उपयोग की तकनीकें बताई गई हैं। इस ग्रंथ में योद्धाओं के प्रशिक्षण, सैन्य अनुशासन और लड़ाई की रणनीति का वर्णन मिलता है। इसे युद्धकला को व्यवस्थित करने वाले सबसे पुराने स्रोतों में रखा जाता है। इसके माध्यम से उस समय की सैन्य परंपराओं और सुरक्षा पद्धतियों की झलक मिलती है।

32. निम्न में से किस वेद में संगीत से संबंधित ज्ञान संग्रहित है ?

(a) ऋग्वेद

(b) अथर्ववेद

(c) सामवेद

(d) यजुर्वेद

Ans. (c) सामवेद

[RRB NTPC, 31 Jan 2021 (Shift-1) Stage 1st]

[RRB Group-D, 24 Sep 2018 (Shift-1)]

Explain :- सामवेद मंत्रों को गाने की विशिष्ट शैली के लिए जाना जाता है। इसमें स्वरों, लय और उच्चारण की वह परंपरा मिलती है, जो भारतीय संगीत की शुरुआती नींव मानी जाती है। इसके कई मंत्र ऋग्वेद से लिए गए हैं, लेकिन उन्हें गेय रूप दिया गया है। सामगान की पद्धति इसी वेद से विकसित हुई। यह दर्शाता है कि उस समय संगीत धार्मिक और सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा था।

33. वेदों को इंडो-आर्यन सभ्यता का सर्वप्रथम साहित्यिक अभिलेख माना जाता है। इसमें शामिल चार वेदों के नाम ऋग्वेद, सामवेद , यजुर्वेद और _______ हैं।

(a) अथर्ववेद

(b) धनु्वेंद

(c) आयुर्वेद

(d) शिल्पवेद

Ans. (a) अथर्ववेद

[RRB NTPC, 16 Jan 2021 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- अथर्ववेद में जीवन के व्यावहारिक पहलुओं से जुड़े मंत्रों का बड़ा संग्रह मिलता है। इसमें स्वास्थ्य, घर-परिवार, कृषि, और रोज़मर्रा की समस्याओं पर आधारित सामग्री भी पाई जाती है। इसकी भाषा अन्य वेदों की तुलना में सरल और जनजीवन के अधिक निकट है। यह उस काल की सामाजिक परिस्थितियों और मान्यताओं की अनोखी झलक प्रस्तुत करता है।

34. मुंडक उपनिषद् किससे संबंधित है ?

(a) सामवेद

(b) अथर्ववेद

(c) यजुर्वेद

(d) ऋग्वेद

Ans. (b) अथर्ववेद

[RRB NTPC, 05 Mar 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- मुंडक उपनिषद् में ज्ञान और वास्तविकता को समझने के गहरे सिद्धांत मिलते हैं। यह आत्मा, ब्रह्म और जीवन के उद्देश्य जैसे प्रश्नों पर शांत और दार्शनिक दृष्टि प्रस्तुत करता है। इसमें दो तरह के ज्ञान—एक सांसारिक और दूसरा उच्चतर—का अंतर स्पष्ट किया गया है। यह उपनिषद जीवन में आंतरिक खोज के महत्व को सुंदर रूप से समझाता है।

35. भारत की वैदिक काल अवधि कब तक चली :

(a) 1500 to 500 BC

(b) 336 to 323 BC

(c) 3000 to 2600 BC

(d) 550 to 323 BC

Ans. (a) 1500 to 500 BC

[RRB NTPC, 22 Feb 2021 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- यह समय वह अवधि मानी जाती है जब वैदिक साहित्य की रचना और प्रसार हुआ। समाज कृषि, पशुपालन और छोटे-छोटे जन-समूहों पर आधारित था। धार्मिक अनुष्ठान, ऋचाओं का पाठ और यज्ञ जैसी परंपराओं की जड़ें इसी काल में दिखती हैं। धीरे-धीरे सामाजिक ढाँचा, भाषा और सांस्कृतिक मान्यताएँ विकसित होकर अधिक संगठित रूप लेती गईं।

36. ‘यजुर्वेद’ में यजुर का अर्थ क्या है ?

(a) जीवन

(b) प्रकृति

(c) बलिदान

(d) सत्य

Ans. (c) बलिदान

[RRB NTPC, 18 Jan 2017 (Shift-3) Stage 2nd]

Explain :- ‘यजुर’ शब्द यज्ञ से जुड़े कार्यों की ओर संकेत करता है। इस वेद में अनुष्ठानों को सही प्रकार से पूरा करने के मंत्र और विधियाँ मिलती हैं। कई क्रियाएँ, जिनमें आहुतियाँ दी जाती थीं, इन्हीं मंत्रों के साथ की जाती थीं। यह ग्रंथ उस समय की धार्मिक गतिविधियों को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके माध्यम से कर्मकांड की संरचना स्पष्ट होती है।

37. निम्न में से किस वेद में बीमारियों का उपचार दिया गया है ?

(a) यजुर

(b) ऋग्

(c) साम

(d) अथर्व

Ans. (d) अथर्व

[RRB NTPC, 18 Jan 2017 (Shift-1) Stage 2nd]

Explain :- अथर्ववेद में स्वास्थ्यानुकूल मंत्रों और जड़ी-बूटियों के उपयोग का उल्लेख मिलता है। इसमें रोगों के कारण, उनके लक्षण और प्राकृतिक उपचारों की झलक देखने को मिलती है। कई स्थानों पर औषधीय पौधों की शक्ति और उनके गुणों को सुंदर भाषा में बताया गया है। यह दर्शाता है कि उस समय चिकित्सा का ज्ञान लोकजीवन से गहराई से जुड़ा हुआ था।

38. निम्नलिखित विकल्पों में से गलत जोड़ी का चयन करें-

(a) चन्द्रगुप्त : मौर्य

(b) बिम्बिसार : गुप्त

(c) राजराजा : चोल

(d) कनिष्वक : कुषाण

Ans. (b) बिम्बिसार : गुप्त

[RRB NTPC, 28 Apr 2016 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- बिम्बिसार एक प्राचीन शासक था, पर उसका संबंध गुप्त वंश से नहीं था। अन्य विकल्पों में दिए गए राजा अपने-अपने ऐतिहासिक वंशों से जुड़ते हैं। गलत जोड़ी का पता लगाने से यह समझ आता है कि कालखंड और राजवंशों की पहचान कितनी भिन्न थी। इस तरह की सूची भारत के राजनीतिक इतिहास की विविधता को स्पष्ट करती है।

39. निम्नलिखित में से कौन सी मगध साम्राज्य की राजधानी थी ?

(a) वैशाली

(b) राजगीर

(c) उज्जैन

(d) कौशांबी

Ans. (b) राजगीर

[RRB NTPC, 05 Apr 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- राजगीर पुराने समय में प्राकृतिक पहाड़ियों से घिरा हुआ एक सुरक्षित नगर था। यह स्थायी बसावट और राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बना। आसपास के भूभाग ने इसे रक्षात्मक दृष्टि से मजबूत स्थान दिया। बाद में सत्ता का विस्तार होने पर राजधानी अन्य नगरों की ओर बढ़ी, पर प्रारंभिक महत्व राजगीर का ही था।

40. प्राचीन काल में ‘अवध’ को किस नाम से जाना जाता था ?

(a) कोसल

(b) कपिलवस्तु

(c) कौशाम्बी

(d) काशी

Ans. (a) कोसल

[RRB NTPC, 18 Jan 2017 (Shift-2) Stage 2st]

Explain :- कोसल नाम उत्तरी भारत के उस क्षेत्र के लिए प्रयोग किया जाता था, जिसे बाद में अवध कहा गया। यह भूमि सांस्कृतिक रूप से समृद्ध मानी जाती थी और यहाँ कई पुरानी राजवंशों का प्रभाव दिखाई देता है। अयोध्या इस क्षेत्र का प्रमुख नगर था। विभिन्न ग्रंथों में इस क्षेत्र की सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों का उल्लेख मिलता है।

41. छठरवीं शताब्दी ईसा पूर्व के प्रारंभ में भगवान महावीर का जन्म निम्नलिखित में से किस स्थल पर हुआ ?

(a) मंगध

(b) पाटलिपुत्र

(c) वैशाली

(d) सारनाथ

Ans. (c) वैशाली

[RRB NTPC, 01 Feb 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- महावीर का जन्म वैशाली के पास स्थित कुंडग्राम में हुआ माना जाता है। यह क्षेत्र उस समय गणराज्य व्यवस्था और सांस्कृतिक गतिविधियों का जीवंत केंद्र था। लिच्छवि कुल से उनका गहरा संबंध रहा, जिसने उनके प्रारंभिक जीवन को एक विशिष्ट सामाजिक परिवेश दिया। वैशाली का वातावरण आध्यात्मिक चिंतन और नए विचारों के उदय के लिए अनुकूल माना जाता था। इसी पृष्ठभूमि ने उनके जीवन-पथ पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला।

42. भगवान महावीर का मूल नाम क्या है ?

(a) आनंद

(b) सिद्धार्थ

(c) सारिपुत्त

(d) वर्धमान

Ans. (d) वर्धमान

[RRB NTPC, 30 Dec 2020 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- महावीर के जन्म के समय उन्हें वर्धमान नाम दिया गया था। उनके साहस, संयम और कठोर साधना के कारण बाद में उन्हें ‘महावीर’ की उपाधि मिली। बचपन से ही उनका स्वभाव शांत और अनुशासित बताया जाता है। जीवन के प्रति जिज्ञासा और सत्य की तलाश उन्हें तपस्या की ओर ले गई। उनके मूल नाम से उनके शुरुआती जीवन का स्वाभाविक रूप सामने आता है।

43. जैन मठ संस्थानों को क्या कहा जाता है ?

(a) अपरिग्रह

(b) श्वेतांबर

(c) तीर्थ

(d) बसादिस

Ans. (d) बसादिस

[RRB NTPC, 23 Feb 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- जैन धर्म में ‘बसादि’ शब्द उन स्थानों के लिए प्रयोग होता है जहाँ साधु और साध्वी रहते हैं। ये स्थान उपासना, अध्ययन और ध्यान जैसी गतिविधियों के केंद्र होते हैं। बसादियों की वास्तुकला में सादगी और शांत वातावरण को प्राथमिकता दी जाती है। यहाँ धर्म से जुड़े ग्रंथों का संरक्षण भी किया जाता है। समाज में इन्हें आध्यात्मिक मार्गदर्शन के प्रमुख स्थल माना जाता है।

44. चौबीसवें जैन तीर्थकर का नाम क्या था ?

(a) गोमतेश्वर

(b) पारसनाथ

(c) ऋषभ

(d) महावीर

Ans. (d) महावीर

[RRB NTPC, 25 Jan 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- महावीर जैन परंपरा में अंतिम यानी 24वें तीर्थंकर माने जाते हैं। उनके उपदेशों में अहिंसा, संयम और आत्म-जागरूकता को विशेष स्थान दिया गया है। उन्होंने समाज में अनेक नैतिक सिद्धांतों को सरल भाषा में समझाया। उनके जीवन के विभिन्न प्रसंग आज भी प्रेरणा के रूप में देखे जाते हैं। तीर्थंकरों की परंपरा का समापन उनके द्वारा स्थापित मूल्यों में स्पष्ट दिखता है।

45. त्रिरत्न की अवधारणा _______ से संबंधित है-

(a) सिख धर्म

(b) जैन धर्म

(c) बौद्ध धर्म

(d) पारसी धर्म

Ans. (b/c)

[RRB NTPC, 31 Mar 2016 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- त्रिरत्न में तीन मूल बातें शामिल हैं — सही दृष्टि, सही ज्ञान और सही आचरण। इन्हें जीवन को संतुलित और शांत बनाने के लिए आवश्यक माना जाता है। जैन परंपरा में इन सिद्धांतों को आत्मिक प्रगति का आधार बताया गया है। त्रिरत्न व्यक्ति को अपने भीतर झाँककर जीवन का वास्तविक स्वरूप समझने का मार्ग दिखाते हैं। इनका अभ्यास मन को सरल और स्थिर बनाता है।

[NOTE – RRB द्वारा इस प्रश्न को निरस्त कर दिया गया है।]

46. निम्नलिखित में से अनुसरण किए जाने वाले धर्म एवं पवित्र पुस्तिका की कौन सी जोड़ी असंगत है ?

(a) इस्लाम : कुरान

(b) सिख धर्म : गुरू ग्रंथ साहेब

(c) जैन धर्म : उपनिषद

(d) ईसाई धर्म : बाइबल

Ans. (c) जैन धर्म : उपनिषद

[RRB NTPC, 26 Apr 2016 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- उपनिषद वैदिक साहित्य का हिस्सा हैं, और उनका संबंध हिंदू दर्शन से जुड़ा है। जैन धर्म में अलग धार्मिक ग्रंथ हैं जिन्हें आगम कहा जाता है। आगमों में तप, संयम और अहिंसा से जुड़े उपदेशों का विस्तृत वर्णन मिलता है। इसलिए दोनों परंपराओं के ग्रंथों की प्रकृति और उद्देश्य अलग-अलग हैं। इसी कारण यह जोड़ी मेल नहीं खाती।

47. निम्नलिखित में से किस स्थान पर गौतम बुद्ध ने आत्मज्ञान प्राप्त किया था ?

(a) कुशीनगर

(b) लुम्बिनी

(c) बोधगया

(d) सारनाथ

Ans. (c) बोधगया

[RRB NTPC, 19 Mar 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- बोधगया वह स्थान है जहाँ बुद्ध ने गहन ध्यान के बाद आत्मज्ञान प्राप्त किया। यहां का बोधिवृक्ष इस घटना का प्रतीक माना जाता है। शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य ने ध्यान की प्रक्रिया को सहज बनाया। यह स्थल लंबे समय से आध्यात्मिक खोज का केंद्र रहा है। आज भी अनेक लोग यहां आकर मानसिक शांति की अनुभूति तलाशते हैं।

48. गौतम बुद्ध को ज्ञान कहाँ पर प्राप्त हुआ था ?

(a) बोधगया

(b) अमरनाथ

(c) कुशीनगर

(d) लुम्बिनी

Ans. (a) बोधगया

[RRB NTPC, 28 Mar 2016 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- ज्ञान की प्राप्ति का यह क्षण बोधिवृक्ष के नीचे घटित हुआ माना जाता है। कई वर्णनों में बताया गया है कि बुद्ध ने रातभर ध्यान में रहते हुए जीवन, दुःख और मुक्ति के मूल सिद्धांतों को समझा। यह घटना उनके जीवन का निर्णायक मोड़ बनी। इसके बाद उन्होंने अपने विचारों को पूरे उत्तर भारत में फैलाया। बोधगया का नाम इसी ऐतिहासिक घटना से जुड़कर प्रसिद्ध हुआ।

49. सुत्त पिटक के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है ?

(a) यह बुद्ध का जीवन चरत्र है।

(b) यह मगध के शासक और बुद्ध के बीच की बातचीत से संबंधित है।

(c) यह श्रीलंका में लिखा गया बौद्ध ग्रंथ है।

(d) यह उन लोगों के लिए बनाए गए नियमों और विनियमों के बारे में है, जिन्होने बौद्ध मठ व्यवस्था को अंगीकार किया था।

Ans. (b) यह मगध के शासक और बुद्ध के बीच की बातचीत से संबंधित है।

[RRB NTPC, 19 Mar 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- सुत्त पिटक में बुद्ध द्वारा दिए गए अनेक उपदेश संवादों के रूप में संकलित हैं। कई वार्तालाप उन शासकों और व्यक्तियों से जुड़े हैं जो तत्कालीन समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। इन संवादों में जीवन, नैतिकता और मानव व्यवहार से जुड़े सरल और व्यावहारिक विचार मिलते हैं। यह संग्रह बौद्ध परंपरा की शिक्षात्मक शैली को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इसके माध्यम से उस समय की सामाजिक संरचना की झलक भी मिलती है।

50. हीनयान और महायान किस धर्म के पंथ हैं ?

(a) हिंदू धर्म

(b) जैन धर्म

(c) बौद्ध धर्म

(d) सिख धमर्म

Ans. (c) बौद्ध धर्म

[RRB NTPC, 28 Jan 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- बौद्ध परंपरा समय के साथ दो मुख्य धाराओं में विकसित हुई — हीनयान और महायान। हीनयान में व्यक्तिगत साधना और अनुशासन पर जोर मिलता है, जबकि महायान करुणा और सामूहिक कल्याण को प्राथमिकता देता है। दोनों धाराओं ने अपनी-अपनी शैली में बौद्ध विचारों को आगे बढ़ाया। इनके बीच कई सांस्कृतिक और दार्शनिक भेद भी दिखाई देते हैं। इस विभाजन के कारण बौद्ध धर्म विविध रूपों में विकसित हुआ।

51. सिंहचतुर्मुख स्तंभ कहां स्थित है ?

(a) सारनाथ

(b) धौली

(c) नागार्जुन हिल्स

(d) बराबर हिल्स

Ans. (a) सारनाथ

[RRB NTPC, 02 Feb 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- सारनाथ में स्थित सिंहचतुर्मुख स्तंभ अपनी कलात्मक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए पहचाना जाता है। इसमें चार शेर एक गोलाकार आधार पर खड़े दिखाए गए हैं, जो शक्ति और संतुलन का प्रतीक माने जाते हैं। इस स्तंभ की नक्काशी अत्यंत सूक्ष्म और सममित है। यह स्थल बौद्ध परंपरा से जुड़ा होने के कारण सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष स्थान रखता है। समय के साथ यह प्रतीक भारत की पहचान से गहराई से जुड़ गया।

52. बोधिसत्व की अवधारणा इनमें से किससे संबंधित है ?

(a) जैन धर्म

(b) हीनयान बौद्ध धर्म

(c) सिख धर्म

(d) महायान बौद्ध धर्म

Ans. (d) महायान बौद्ध धर्म

[RRB NTPC, 01 Apr 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- महायान परंपरा में बोधिसत्व वह व्यक्ति माना जाता है जो अपने ज्ञान का उपयोग दूसरों की सहायता के लिए करता है। वह स्वयं मुक्ति पा लेने की बजाय संसार में रहकर करुणा के मार्ग पर चलता है। इसमें दया, सेवा और वचनबद्धता की विशेष भूमिका होती है। बोधिसत्व का आदर्श मानवता के हित को प्राथमिकता देने की भावना को दर्शाता है। इस अवधारणा ने बौद्ध धर्म को अधिक करुणामयी रूप प्रदान किया।

53. विनय और सुत्त पिटक इनमें से किसकी शिक्षाओं के संकलन हैं ?

(a) गौतम बुद्ध

(b) ऋषभदेव

(c) महावीर जैन

(d) गुरु गोविंद सिंह

Ans. (a) गौतम बुद्ध

[RRB NTPC, 01 Apr 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- विनय पिटक में मठ जीवन से जुड़े नियम और अनुशासन का विवरण मिलता है। वहीं सुत्त पिटक में संवाद और उपदेशों के माध्यम से बुद्ध के विचार प्रस्तुत किए गए हैं। ये दोनों मिलकर बौद्ध जीवन-पद्धति की ठोस आधारशिला बनाते हैं। इनके माध्यम से बुद्ध की सोच को सहज और सरल रूप में समझा जा सकता है। यह संग्रह उनके जीवन की शैली और मूल्यों की झलक देता है।

54. गौतम बुद्ध के निम्नलिखित उपदेशों में से किसे अग्नि उपदेश (Fire Sermon) के रूप में जाना जाता है ?

(a) धम्मचक्कप्पवत्तन सुत्त

(b) अदित्तपरियाय सुत्त

(c) अनात्त-लक्खना सुत्त

(d) ब्रह्मजल सूत्र

Ans. (b) अदित्तपरियाय सुत्त

[RRB NTPC, 17 Feb 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- इस उपदेश में बुद्ध ने जीवन की विभिन्न इंद्रियों को आग से तुलना करते हुए बताया कि इच्छाएँ मन को बेचैन रखती हैं। उन्होंने समझाया कि जब व्यक्ति इन आसक्तियों से मुक्त होता है, तभी उसे वास्तविक शांति का अनुभव मिलता है। “अदित्तपरियाय सुत्त” इसी संदेश का विस्तार है। यह उपदेश मन, भावना और अनुभवों को देखने का नया दृष्टिकोण देता है। इसकी भाषा अत्यंत गहन और प्रतीकात्मक मानी जाती है।

55. निम्नलिखित में से कौन सा एक प्राचीन बौद्ध ग्रंथ है ?

(a) विष्णु पुराण

(b) रघुर्वशम

(c) ऋतुसंहार

(d) अभिधर्म कोश

Ans. (d) अभिधर्म कोश

[RRB NTPC, 30 Dec 2020 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- अभिधर्म कोश एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसमें मानवीय विचार, मनोभाव और बौद्ध दर्शन को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत किया गया है। इसे वसुबंधु द्वारा संस्कृत में लिखा गया बताया जाता है। इस ग्रंथ की विशेषता यह है कि यह बौद्ध विचारों को विश्लेषणात्मक रूप में समझाता है। इसमें मन और अनुभव के कई पहलुओं को सूक्ष्मता से परिभाषित किया गया है। इसके कारण यह दार्शनिक साहित्य में विशेष स्थान रखता है।

56. जातक कथाएं ________ से संबंधित हैं।

(a) सिक्ख धर्म

(b) बौद्ध धर्म

(c) जैन धर्म

(d) हिन्दू धर्म

Ans. (b) बौद्ध धर्म

[RRB NTPC, 29 Dec 2020 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- जातक कथाएँ बुद्ध के पूर्व जन्मों से जुड़ी कहानियों का संग्रह हैं। इनमें नैतिक मूल्यों और जीवन में सही आचरण के महत्व को सरल कथा शैली में प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक कथा एक विशेष सीख छोड़ जाती है, जो मानव व्यवहार को समझने में मदद करती है। इन कहानियों में पशु, मानव और देवताओं के रूपक मिलते हैं। यह साहित्य बौद्ध परंपरा की जनसामान्य तक पहुँच का सुंदर माध्यम रहा है।

57. ‘बुद्धचरितम्’ नामक महाकाव्य किसने लिखा था ?

(a) गौतम बुद्ध

(b) नागार्जुन

(c) हेमचंद्र

(d) अश्वघोष

Ans. (d) अश्वघोष

[RRB NTPC, 06 Apr 2021 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- ‘बुद्धचरितम्’ एक काव्य रचना है जिसमें बुद्ध के जीवन की घटनाएँ काव्यात्मक शैली में वर्णित हैं। इसे कवि अश्वघोष ने अत्यंत सहज और भावपूर्ण भाषा में लिखा। यह ग्रंथ न केवल साहित्यिक दृष्टि से समृद्ध है बल्कि आध्यात्मिक जीवन की अनेक झलकियाँ भी प्रस्तुत करता है। कथा संरचना में काव्य और अनुभव का संतुलित मेल दिखाई देता है। इसे प्राचीन संस्कृत साहित्य की महत्वपूर्ण रचनाओं में गिना जाता है।

58. निम्नलिखित में से कौन सा स्थल बौद्धों के तीर्थ स्थलों में से नहीं हैं ?

(a) बोध गया

(b) सारनाथ

(c) ग्वालियर

(d) कुशीनगर

Ans. (c) ग्वालियर

[RRB NTPC, 05 Mar 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :-ग्वालियर अपनी किलों, संगीत परंपरा और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है, लेकिन इसका बौद्ध परंपरा से सीधा संबंध नहीं है। इसके विपरीत बोधगया, सारनाथ और कुशीनगर जैसे स्थान बुद्ध के जीवन के प्रमुख प्रसंगों से जुड़े हैं। ग्वालियर का विकास अलग-संस्कृति और राजनीतिक इतिहास के प्रभाव में हुआ। यह क्षेत्र मध्य भारत की विरासत का अनोखा उदाहरण है। बौद्ध यात्राओं के संदर्भ में इसका उल्लेख सामान्यतः नहीं मिलता।

59. गौतम बुद्ध का जन्म कहाँ हुआ था ?

(a) अयोध्या

(b) लुम्बिनी

(c) वैशाली

(d) मगध

Ans. (b) लुम्बिनी

[RRB NTPC, 09 Fer 2021 (Shift-1) Stage 1st]

Explain :- लुम्बिनी एक शांत और प्राकृतिक सुंदरता से भरा स्थल है जिसे बुद्ध के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। यहाँ स्थित उद्यान और प्राचीन अवशेष इस स्थान को विशिष्ट पहचान देते हैं। यह क्षेत्र लंबे समय से आध्यात्मिक यात्राओं का केंद्र रहा है। लुम्बिनी की पवित्रता को कई प्राचीन स्तंभों और शिलालेखों ने प्रमाणित किया है। इसकी शांति और सरलता यहां आने वालों को विशेष अनुभव देती है।

60. उस बौद्ध ग्रन्थ का नाम बताइए, जिनमें भिक्षुओं के लिए नियमों का उल्लेख है।

(a) त्रिपिटक

(b) विनय पिटक

(c) अभिधम्म पिटक

(d) सुत्त पिटक

Ans. (b) विनय पिटक

[RRB NTPC, 08 Jan 2021 (Shift-2) Stage 1st]

Explain :- विनय पिटक में मठों में रहने वाले भिक्षुओं और भिक्षुणियों के आचरण से जुड़े विस्तृत नियम लिखे गए हैं। इसमें अनुशासन, दिनचर्या, भोजन व्यवस्था और सामाजिक व्यवहार जैसी अनेक बातों का स्पष्ट विवरण मिलता है। यह ग्रंथ मठ-जीवन को संगठित और संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके नियम नैतिकता और संयम पर आधारित हैं। इससे बौद्ध मठ परंपरा की गहराई को समझा जा सकता है।

 

RRB NTPC ANCIENT HISTORY QUESTION P1

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